बीपीएससी शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले का खुलासा: पटना, 10 मई 2024: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में एक महत्वपूर्ण खुलासा सामने आया है। अर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) द्वारा की गई जांच के बाद, मास्टरमाइंड उज्जैन से गिरफ्तार किया गया है।
मामले के अनुसार, गिरोह के मास्टरमाइंड डॉ. शिव कुमार ने इस पेपर लीक कांड की प्रेरणा की थी। डॉ. शिव कुमार को बिट्टू के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने पहले भी 2017 में नीट यूजी परीक्षा के पेपर लीक मामले में आरोपी साबित हुए थे। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश और झारखंड में भी उनके साथी अपराधियों के साथ पुलिस ने उनकी संलिप्तता का आरोप लगाया है।
उज्जैन से गिरफ्तार डॉ शिव कुमार और उसके चार सहयोगी
EOU के अनुसार लगातार कई जिलों मे छापेमारी और ख़ुफ़िया सुचना मिलने के बाद , गठित टीम को डॉ शिव कुमार और उसके चार सहयोगियों को उज्जैन से गिरफ्तार करने मे सफलता मिली है। उनके सहयोगियों मे बल्ली उर्फ संदीप पासवान,प्रदीप कुमार,तेजप्रकाश और सौम्या कुमारी भी शामिल है।
गिरफ्तार अभुक्तो से गहन पूछताछ के दौरान महत्वपूर्ण खुलाशे सामने आये है। जिसके आधार पर पुलिस को इस कांड मे बड़ी सफलता मिली है। अबतक इस कांड मे कुल 297 अभियुक्तों की गिरफ़्तारी हुई है। इस कांड से जुड़े, अन्य गिरफ्तारियां ,परीक्षा संचालन की कड़ी के जुड़े और भी अनुसधान जारी है।
जांच के दौरान, पटना और हजारीबाग में छापेमारी की गई, और संबंधित अभियुक्तों और अभ्यर्थियों के साथ इन्हें गिरफ्तार किया गया। उज्जैन से गिरफ्तार डॉ. शिव कुमार के साथ उनके चार सहयोगी भी गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें संदीप पासवान, प्रदीप कुमार, तेजप्रकाश और सौम्या कुमारी शामिल हैं।
गिरफ्तार अभियुक्तों से की गई गहन पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण खुलासे सामने आए हैं। यह इस कांड में पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है। अब तक कुल 297 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस कांड से जुड़े अन्य गिरफ्तारियों के साथ, परीक्षा संचालन की कड़ी जांच जारी है।
बीपीएससी शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में होने वाले दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं ने आम लोगों की भरोसा उठाया है। यह साबित करता है कि सरकारी परीक्षाओं की समाप्ति को निष्पक्षता और निष्ठा से निर्देशित करने की आवश्यकता है।
इसके अलावा, इस मामले में जुड़े और अभी भी गहरी जांच जारी हैं, ताकि इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके और विश्वास और न्याय की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जा सके।
इस समय, सामाजिक न्याय की अवधारणा और न्यायिक प्रक्रिया को प्रमुखता देने की आवश्यकता है, ताकि विश्वास और संविधानिक संरक्षण की वह गहरी आधारशिला हो, जो हमारी समाज में सामाजिक समानता, न्याय और संविधानिक लक्ष्यों को प्राप्त करने की राह में मदद कर सके।
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